मत समझो केवल खून है
जीवन है यह मेरा
जो हो रहा मुझसे दूर है।
एक बूँद पसीने की
मत समझो केवल पानी है
मेहनत है यह मेरी
जिसमे निचुड़ी मेरी जवानी है।
होठों से निकले इन शब्दों को
मत समझो केवल कहानी है
संसार का अनन्त सत्य है यह
यही तो देववणी है।
-- Udipta Gupta
nice, is this ur composition ?
ReplyDeletemaan gaye kaviraj
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