Wednesday, August 23, 2006

देव वाणी

एक कतरा खून का
मत समझो केवल खून है
जीवन है यह मेरा
जो हो रहा मुझसे दूर है।

एक बूँद पसीने की
मत समझो केवल पानी है
मेहनत है यह मेरी
जिसमे निचुड़ी मेरी जवानी है।

होठों से निकले इन शब्दों को
मत समझो केवल कहानी है
संसार का अनन्त सत्य है यह
यही तो देववणी है।
                  -- Udipta Gupta